General Bipin Rawat भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण जो करी थी। उन्होंने 30 दिसंबर 2019 को भारत का प्रथम CDS नियुक्त किया गया।
Overview
CDS बिपिन रावत का परिदृश्य एक नज़र में
1. | जन्म | 16 मार्च 1958 ईस्वी |
2. | पिता का नाम | लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत |
3. | माता का नाम | |
4. | पत्नी का नाम | मधुलिका रावत |
5. | बेटी का नाम | कृतिका रावत और तारिणी रावत |
6. | जन्म स्थान | पुरी (उत्तराखंड) |
7. | उम्र | 63 वर्ष |
8. | सेवा काल | 16 मार्च 1958 से 8 दिसंबर 2021 |
रक्षा प्रमुख जनरल Bipin Rawat का जन्म पूरी उत्तराखंड में 16 मार्च 1958 ईस्वी में हुआ था। उनके पिता का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था, जो पहले से सेना में अपना योगदान दे रहे थे। बिपिन रावत की माता उत्तरकाशी ( उत्राखंड ) के एक पूर्व विधायक की बेटी थी।
उनके पत्नी का नाम मधुलिका रावत बेटी का नाम कृतिका रावत और तारिणी रावत है। दोनों बेटी शादीशुदा है बड़ी बेटी कृतिका रावत मुंबई में रहती है जबकि छोटी बेटी तारिणी रावत दिल्ली में रहकर दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करती है। दुख की बात यह है, कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत दोनों एक साथ ही विमान क्रेस में शहीद हो गए।
उनकी पत्नी madhulika rawat आर्मी राइफल्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष थी। वह मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली थी। उनके पिता का नाम मृगेंद्र सिंह था जो कि एक दिवंगत नेता थे। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी साइकोलॉजी से किया था।
शिक्षा
जनरल Vipin Rawat ने अपनी प्राथमिक शिक्षा देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल और सैंट एडवर्ड स्कूल शिमला में प्राप्त की।
इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी ( NDA ) खड़कवासला तथा भारतीय सैन्य अकादमी ( देहरादून ) शामिल हो गए। वहां उन्हें स्वाँड मानक अवार्ड से सम्मानित किया गया।
आगे चलकर उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट आर्मी स्टाफ एंड कमांड कॉलेज फोर्ट लीवेनवर्थ से सीनियर कमांड कोर्स से ग्रेजुएशन किया।
इन्होंने M-filll भी पहना था मद्रास विश्वविद्यालय से इन्होंने रक्षा विज्ञान में डिग्री और प्रशासन और कंप्यूटर में डिप्लोमा भी किया था।
सैन्य संसाधनों के सामरिक अध्ययन में अपने शोध के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से इन्हें पीएचडी डिग्री से सम्मानित क्या गया था मेरठ दर्शनशास्त्र से।
सैन्य क्रियाकलाप
16 दिसंबर 1978 को CDS Vipin Rawat को 11 गोरखा बटालियन को उनके हवाले किया गया था, जो उनके पिता लेफ्टिनेंट जर्नल लक्ष्मण सिंह रावत के समान था।
उन्होंने आतंकवादी विरोधी अभियानों में 10 साल से ज्यादा समय दिए इसके अलावा उन्होंने वर्तमान सीडीएस के लिए अलग-अलग बड़ी कंपनियों में काम किया।
मेजर के पद पर रहते हुए Vipin Rawat ने जम्मू-कश्मीर के उरी में एक कंपनी की कमान संभाली। इसके अलावा उन्होंने की किबूथि में इसी के साथ अपनी बटालियन की कमान संभाली।
ब्रिगेडियर का पद संभालते ही उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (MONUSCO) में अध्याय 7 मिशन के दौरान सोपोर में राष्ट्रीय राइफल के सेक्टर 5 और बहुराष्ट्रीय बिग्रेड की कमान संभाली। जहां उन्हें दो बार फोर्स कमांडर के उल्लेख सम्मान से नवाजा गया।
उड़ी में 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडिंग जनरल की महत्वपूर्ण भूमिका ग्रहण की गई तब उन्हें मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया।
जनरल Bipin Rawat एक लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में वह पुणे में दक्षिणी सेना की कमान संभालने से पहले दीमापुर में स्थित कोर 3 की कमान संभालने लगे।
Vipin Rawat सेना कमांडर के पद पर पदोन्नत होने के बाद उन्होंने दक्षिणी कमान के कमांडर जनरल का पद प्राप्त किया। इसके कुछ दिनों बाद उन्हें भारतीय सेना के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ के पद पर पदोन्नत किया गया।
भारत सरकार द्वारा 17 दिसंबर 2016 को थल सेना का 27 वां चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया। इसका पदभार 31 दिसंबर 2016 को ग्रहण किया गया।
जनरल Bipin Rawat राज्य समिति के प्रमुख भारतीय सेना के मेजर के 57वें तथा अंतिम अध्यक्ष भी थे।
प्रथम सीडीएस की नियुक्ति 30 दिसंबर 2019 को की गई और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को अपना पदभार ग्रहण किया।
नियुक्ति की रैंक तिथि
1. | दूसरा लेफ्टिनेंट | 16 दिसंबर 1978 |
2. | लेफ्टिनेंट | 16 दिसंबर 1980 |
3. | कप्तान | 31 जुलाई 1984 |
4. | मेजर | 16 दिसंबर 1989 |
5. | लेफ्टिनेंट कर्नल | 1 जून 1998 |
6. | कर्नल | 1 अगस्त 2003 |
7. | ब्रिगेडिअर | 1 अक्टूबर 2007 |
8. | मेजर जनरल | 20 अक्टूबर 2011 |
9. | लेफ्टिनेंट जनरल | 1 जून 2014 |
10. | जनरल (COAS) | 1 जनवरी 2017 |
11. | सामान्य (CDS) | 30 दिसंबर 2019 |
पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करना
जनरल Bipin Rawat ने 2015 में म्यानमार के सीमा पार ऑपरेशन में अपने कैरियर के मुख्य विशेषताओं में में से एक साथ पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
Vipin Rawat की देखरेख में कोर 3 दीमापुर ऑपरेशन कमांडो को अंजाम दिया गया था। जिसमें भारतीय सेना के एनएससीएनके उग्रवादियों द्वारा किए गए घात को सफलतापूर्वक जवाब दिया।
भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका
आप सभी जानते होंगे कि भारतीय सेना के द्वारा पाकिस्तान सीमा में घुसकर पुलवामा हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक 2016 किया गया था। इस सर्जिकल स्ट्राइक में जनरल Bipin Rawat की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस सर्जिकल स्ट्राइक में जनरल Vipin Rawat नई दिल्ली के दक्षिणी ब्लॉक से भारतीय सेना की निगरानी कर रहे थे, ताकि इस सर्जिकल स्ट्राइक मिशन को सफल बनाया जा सके। यह सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना का एक सफल सर्जिकल स्ट्राइक था।
जनरल Bipin Rawat को मिला सम्मान और पुरस्कार
जनरल Vipin Rawat एक उत्कृष्ट भारतीय सेना का व्यक्तित्व था। उन्होंने कई सारे ऑपरेशन और मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। भारतीय सेना की वायु सेना नौसेना और थल सेना को एकत्रित करना और घटनाक्रम को भाप कर सही तरीके से मिशन को अंजाम देना उन्हीं के द्वारा किया गया था। इन सभी ऑपरेशनओं में सफलता के चलते उन्हें कई सम्मान और पुरस्कार से भी नवाजा गया है, जो आप इस लिस्ट के द्वारा देख सकते हैं।
1. | परम विशिष्ट सेवा मेडल |
2. | उत्तम युद्ध सेवा मेडल |
3. | अति विशिष्ट सेवा पदक |
4. | युद्ध सेवा पदक |
5. | सेना मेडल |
6. | विशिष्ट सेवा पदक |
सैन्य कमांडर के रूप में Bipin Rawat की उपलब्धियां
जनरल Vipin Rawat ने सेना के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें उन्होंने प्रशासनिक हस्तक्षेप को कम करने दोहरेपन को कम करने तथा युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए सेना के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया जिसके कारण भारतीय सेना के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका से नई असाल्ट राइफल में खरीदी गई। इसके अलावे कई नई तकनीक पर आधारित लड़ाकू विमान और जलपोत भी खरीदे गए।
उनका कार्यकाल कुछ विवादों में भी रहा। उनके कार्यकाल के दौरान सैनी बिरादरी द्वारा विकलांग सेना के लिए विकलांगता पेंशन लागू करने के लिए सरकार के फैसले को स्वीकार किया।
जनरल Bipin Rawat का निधन
जनरल Vipin Rawat का निधन 8 दिसंबर 2021 को विमान दुर्घटना के कारण हुआ। इस समय Bipin Rawat स्वरूप एयरवेज से वेलिंगटन जा रहे थे। रास्ते में मौसम खराब होने के कारण तमिलनाडु के कुन्नूर में यह हादसा दोपहर में हुआ। हेलीकॉप्टर का नाम Mi-17V5 था जिसे विंग कमांडर पृथ्वी सिंह उड़ा रहे थे। हेलीकॉप्टर हादसे में बिपिन रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत तथा 13 अन्य लोग शहीद हो गए।